इस लेख में हम आपको
कम्प्यूटर से संबधित जानकारी प्रदान कर रहे है। इसमें आपको कम्प्यूटर की परिभाषा,
कम्प्यूटर के मुख्य भाग, तथा कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली,कम्पयूटर की विशेषताएं,
कम्प्यूटर का हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की जानकारी आदि।
कम्प्यूटर क्या है
कम्प्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है गणना करना। इसीलिए कम्प्यूटर गणक या संगणक यंत्र भी कहा जाता है और इसका अविष्कार Calculation करने के उद्देश्य से हुआ था। कम्प्यूटर Calculation करने वाली मशीन थी जैसे आपका कैलकुलेटर।
कम्प्यूटर को सही प्रकार से कार्य करने के लिये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की आवश्यकता होती है।परन्तु ये दोनों एक दूसरे के बिना अधुरे हैं। बिना हार्डवेयर के सॉफ्टवेयर बेकार है और बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर बेकार है। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर को कमांड दी जाती है किसी हार्डवेयर को कैसे कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अन्दर पहले से ही दी गयी होती है। कम्प्यूटर हार्डवेयर ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है सिस्टम सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिग सिस्टम।
Computer |
कम्प्यूटर एक नजर मेः-
- कम्यूटर एक डिवाइस है जो डाटा को लेकर उसको प्रोसेस एवं सेव करती है।
- कम्प्यूटर मुख्यतः पांच भागों से मिलकर बना होता है(कीबोर्ड, माउस,मॉनीटर,सीपीयू,यूपीएस)
- कम्प्यूटर के दो भाग होते है (हार्डवेयर,सॉफ्टवेयर)
- कम्प्यूटर के पास मैमोरी होती है जो भविष्य के लिए डाटा सेव करती है।
- कम्प्यूटर के कार्य करने के मुख्यत तीन प्रोसेस है(इनपुट,प्रोसेसिंग,आउटपुट)
कम्प्यूटर का संक्षिप्त विवरणः
-
कम्प्यूटर के जनक का नामः चार्ल्स बैबेज
· आधुनिक कम्प्यूटर के पिता का नामः एलेन टूरिंग· पहले कम्प्यूटर का नामःअबेकस· सबसे पहले कम्प्यूटर का वर्षः500 ईसा पूर्व· सबसे पहले कम्प्यूटर का अविष्कारःचीन· अबेकस का अविष्कारःबेबीलियोन्स· सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटरःइनियेक
कंप्यूटर कीकार्य प्रणाली :-
कम्प्यूटर की क्रार्य प्रणाली कम्प्यूटर बाहर से इनपुट डिवाइस की मदद से डाटा लेकर उसे प्रोसेस करने के बाद उसका परिणाम आउटपुट के रूप में दिखाता है। |
कम्प्यूटर के मुख्य भागः-
की-बोर्ड:- यह प्राइमरी इनपुट डिवाइस हैं। इसके द्वारा आप अंको और
अक्षरों के रूप में कम्प्यूटर में डेटा इनपुट कर सकते हैं। इस समय 104 की वाले मल्टीमीडिया की-बोर्ड का प्रयोग
किया जा रहा हैं। परन्तु मुख्यतः
कम्प्यूटर की बोर्ड में 101 की होती है इसे कम्प्यूटर में लगे मदरबोर्ड से
जोड़ते हैं।
माउस |
मॉनीटरः- यह कम्प्यूटर की मुख्य
आउटपुट डिवाइस हैं। यह डॉट को मिलाकर इमेज बनाता है। यह डॉट आयताकार में एक बॉक्स बनाते है। जिन्हें पिक्सल कहा जाता है। वर्तमान समय में फ्लैट पैनल डिस्पले वाले मॉनीटरों का प्रयोग
हो रहा हैं। LCD(Liquid crystal display) एवं LED(Light Emitting diode) तकनीक के सस्ते होने की वजह से अब
इनका चलन भी बढ़ रहा हैं। सामान्य मॉनीटरों में कांच की बनी होने से कैथोड रे ट्यूब का प्रयोग होता था। जिसकी वजह से मॉनीटर का आकार, मोटाई
बहुत ज्यादा होती हैं।
सीपीयूः- सीपीयू एक प्रोसेसिंग डिवाइस है। इसे कम्प्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। सभी मैथमेटिकल एवं लोजिकल क्रियाएं सीपीयू के
द्वारा ही क्रियान्वित कि जाती है। यह जटिल से जटिल क्रियाएं बहुत ही कम समय में बहुत ही आसानी के साथ कर सकता है।
सीपीयू |
सीपीयू मुख्यतः निम्न भागों से मिलकर बना
होता है।
पॉवर सप्लाई :- यह कम्पोनेंट कैबिनेट में जुड़ा होता
हैं। इसके द्वारा समूचे कम्प्यूटर में विद्युत आपूर्ति होती हैं। इसकी क्षमता 200 वाट से लेकर 250 वाट तक हो सकती हैं।
SMPS |
कैबिनेट:- कैबिनेट में ही मदरबोर्ड,
हार्डडिस्क, फ्लॉपी डिस्क, सीडी रोम इत्यादि को असेम्बल किया जाता हैं। पॉवर सप्लाई भी मदबोर्ड के
द्वारा ही होती हैं।
Computer cabinet |
मदरबोर्ड:- कम्प्यूटर
का सबसे ज्यादा सर्किट इसी कंपोनेंट में होता हैं। इसमें ही रैम से लेकर हार्ड
डिस्क जैसे सभी भाग जोड़े जाते हैं।
Computer motherboard |
Computer processor |
रैम(रैंडम एक्सेस मेमोरी) :- इसे हम कम्प्यूटर का दिमाग कह सकते हैं। इसे मदरबोर्ड में
बनी मेमोरी स्लॉट में लगाया जाता हैं। इस समय कई तरह की रैम प्रयोग होती हैं।
लेकिन सबकी सामान्य रूपरेखा एक जैसी ही हैं।के तौर पर होता हैं और यह कम्प्यूटर
का सबसे भरोसेमंद स्टोरेज माध्यम हैं। वर्तमान समय में इसकी क्षमता गेगाबाइट से
भी आगे निकल गई हैं।तकनीक की वजह से इसका आकार कम होता जा रहा हैं और डेटा स्टोर
करने की क्षमता बढ़ती जा रही हैं। इसे कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में लगी आईडीई या
स्कैजी पोर्ट से जोड़ते हैं।
Random Access Memory |
यूपीएसः-जब कंप्यूटर से अचानक मुख्य सप्लाई बंद हो जाता है तब तक यह कंप्यूटर को पॉवर देता है यूपीएस के अंदर एक बैटरी होती है जो कंप्यूटर को 20 से 40 मिनट तक Power देता है इससे हमे ये फायदा है की अगर Main Power सप्लाई बंद होने पर हम कंप्यूटर को सही तरह से बंद कर सकते है।यूपीएस एक ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर को Main Power के कट हो जाने पर थोड़ी देर तक कंप्यूटर को रन करने की सुविधा देता है यह कंप्यूटर को बिजली के High Voltage से भी बचाता है यूपीएस तब काम करना शुरू करता है जब आपका कंप्यूटर बिजली से Connection खों देता है यह आपको इतना समय देता है की आप अपने Document को सेव कर सके।
UPS |
कम्प्यूटर की विशेषताएः-
स्पीडः- कम्प्यूटर बहुत तेजी से कार्य कर सकता है।यह जटिल से जटिल गणनाएँ बहुत
जल्दी कर सकता है। इसकी प्रोसेसिंग स्पीड सेकण्डो में मापी जाती है।
शुद्धताः- यह बिना गलती किये बहुत तेजी से कोई भी कार्य कर सकता है। कम्प्यूटर
100 प्रतिशत् सही होता है। अगर उसमे गलत कमांड न दी गई हो। यदि यूजर द्वारा सही
इनपुट प्रदान किया जाता है। तो कम्प्यूटर उसका रिजल्ट 100 प्रतिशत् सही प्रदान
करता है।
डिलिजेन्सः- कम्प्यूटर बिना थके कई घण्टो तक लगातार कार्य कर सकता है।
बहु उपयोगीः- कम्प्यूटर एक बहु उपयोगी मशीन है जो साधारण, लोजीकल और कोम्पलेक्स
गणना आसानी से कर सकता है।
स्टोरेजः- स्टोरेज एक ऐसा सेक्सन है जहाँ हम बड़ी मात्रा में भविष्य के लिए
इन्फॉर्मेसन सेव करके रख सकता है। कुछ सेकण्डरी स्टोरेज डिवाइस होती है जिसमें हम
डाटा सेव करके रख सकते है जैसे- फ्लोपी डिस्क, हार्ड डिस्क, कोम्पैक्ट डिस्क
इत्यादि।
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